13 जनवरी से दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ की शुरुआत होने जा रही है महाकुंभ की शुरुआत मकर संक्रांति के दिन से होगी। और फरवरी में महाशिवरात्रि के दिन इसका समापन होगा. इस त्याग और समर्पण से भरे मेले का आयोजन हर 12 साल में होता है लेकिन यहां सवाल होता है कि महाकुंभ मेला हर 12 साल में ही क्यों लगता है महाकुंभ मेला का अमृत से क्या संबंध है कुंभ में स्नान का विज्ञान से क्या संबंध है महाकुंभ से जुड़ी एस्टॉनोमिकल घटनाएं क्यों है। ऐसे कई सवाल महाकुंभ संबंधित है जिनके बारे में आप नहीं जानते होंगे। हमने वहां के लोगों से पूछा…

प्रयागराज कुंभ मेला में जाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान ??
उत्तर प्रदेश में महाकुंभ की तैयारियां जोरों से चल रही है पर्यटक ₹3000 में हेलीकॉप्टर से भी महाकुंभ का नजारा देख सकेंगे. प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में पर्यटकों के मनोरंजन के लिए अलग-अलग प्रकार के वाटर और एडवेंचर स्पोर्ट्स और हॉट एयर बैलून की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। लोगों की सुविधा के लिए इस बार घाट की लंबाई 8 से बढ़ा कर 12 किलोमीटर की गई है घाट से 1 किलोमीटर पहले 5.5 लाख वाहनों के पार्किंग की व्यवस्था कराई जा रही है. पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया है कि महाकुंभ में 40 से ज्यादा देशों के गणमान्य को आमंत्रित किया गया है अलग-अलग राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री समेत अन्य लोगों को भी आमंत्रित किया गया।
उन्होंने कहा कि मल्टीलेयर सुरक्षा व्यवस्था में महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है उन्होंने बताया है कि श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक त्रिकोणकाशी अयोध्या और प्रयागराज को जोड़कर टूर पैकेज भी तैयार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कुछ लोग फर्जी वेबसाइट के जरिए टेंट सिटी की बुकिंग कर रहे थे विभाग की वेबसाइट का सुरक्षा ऑडिट कराया गया है इसीलिए पर्यटक विभाग की वेबसाइट पर ही बुकिंग करें। पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश कुमार ने बताया है कि महाकुंभ मेला 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए 10000 की क्षमता वाला गंगा पंडाल बनाया गया है इसके अलावा प्रयागराज शहर में 20 छोटे-छोटे मंच भी बनाए गए हैं.
पर्यटन निगम के महाप्रबंधक सान्या छाबड़ा ने बताया है कि पर्यटकों के लिए पहली बार डोम टैंक लगाए गए हैं. इस मौके पर महाकुंभ के कैलेंडर का भी विमोचन किया गया पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी महाकुंभ आने का निमंत्रण दिया है उन्होंने कहा है कि वह भी प्रयागराज आए और डुबकी लगाकर अपने पापों से मुक्ति पाए उन्होंने कहा कि महाकुंभ में डूब के लगाने से इंसान के सारे पाप धूल जाते हैं।

आपको बता दें कि इस बार महाकुंभ का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने जा रहा है और यह आयोजन 13 जनवरी से शुरू होगा इसके लिए योगी सरकार ने अपनी तैयारियां शुरू करती है योगी सरकार का साफ तौर पर कहना है कि महाकुंभ का भव्य आयोजन होगा जिसमें लोग धर्म का उत्सव मना पाएंगे और लोगों को बहुत ही ज्यादा आनंद महसूस होगा सीएम योगी ने अपने अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं कि महाकुंभ को लेकर वह अपनी तैयारियां पूरी कर ले आपको बता दें कि,
प्रयागराज में होने जा रहे महाकुंभ के लिए स्पेशल ट्रेन भी चलाई जा रही है यह ट्रेन देश के अलग-अलग राज्यों से लोगों को महाकुंभ तक लेकर आएंगे और उसके लिए किराया भी बेहद ही काम रखा गया है. वही सीएम योगी ने अपने अधिकारियों को साफ तौर पर कह दिया है कि महाकुंभ की तैयारी में किसी तरह की कोई कमी नहीं बर्दाश्त की जाएगी और लोगों को पूरे सुविधा के साथ महाकुंभ में आने का मौका मिलना चाहिए।

महाकुंभ में बॉलीवुड सितारों की एंट्री!
संगम नगरी में जब दिव्य और भाव महाकुंभ लगेगा तो इसमें देश और दुनिया से 45 करोड़ श्रद्धालु आएंगे। इन्हीं श्रद्धालुओं में से कुछ बॉलीवुड सितारे भी हो सकते हैं वो सितारे सनातन के सबसे बड़े मेले में सेलिब्रिटी बनकर नहीं बल्कि श्रद्धालु बनाकर पहुंचेंगे। इनमें सबसे पहला नाम होगा बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन का अमिताभ बच्चन का जन्म प्रयागराज में ही हुआ है केपी ट्रस्ट ने अमिताभ बच्चन परिवार को महाकुंभ के लिए भेजा है
निमंत्रण अमिताभ बच्चन के साथ अभिषेक बच्चन भी आ सकते हैं। इसके अलावा रणबीर कपूर और आलिया भट्ट भी महाकुंभ में आ सकते हैं फिल्मी सितारों के पहुंचने का क्रम पौष पूर्णिमा के साथ ही शुरू होगा और इसके अलावा सांसद हेमा मालिनी गायक सोनू निगम और गीतकार शंकर महादेवन भी महाकुम क्षेत्र में आ सकते हैं।

महाकुंभ मेला हर 12 साल में ही क्यों लगता है, कुंभ मेला का रहस्य ??
” महाकुंभ में चंद्रमा सूर्य और गुरु का जब योग होता है तभी महाकुंभ लगता है क्योंकि जल सोम तत्व है जिसका राजा हम चंद्रमा को मानते हैं और जो अपनी रश्मियों से जल को निश्चित करते हैं जिसे भगवान सूर्य मकर राशि के काल तक पूरे पृथ्वी पर पहुंचाते हैं और महाकुंभ में सोम तत्व और अमृत तत्व का जल सम्मिलित होता है जो मनुष्य की आत्मा को मोक्ष मार्ग की ओर ले जाता है, और यह तब होता है जब बृहस्पति वृघ राशि पर आते हैं उस समय यह महाकुंभ लगता है,
और यह मनुष्य के लिए बहुत लाभदायक होता है उसके दीर्घ जीवन के लिए और जिनको मुक्ति चाहिए उनके मुक्ति के लिए नदियों के संगम पर भू चुंबकीय ऊर्जा यह बहुत ही सैद्धांतिक प्रश्न है और जहां-जहां जल चंद्रमा से है और चंद्रमा मन का कारक है और जहां जल तत्व होता है भू चुंबकीय ऊर्जा जिसे हम कहते हैं जिस जिस विशेष परिस्थितियों में जल जहां पर जाकर एकत्र होता है उसे जगह का जो नीचे की जो ऊर्जा होती है उसे जल को प्रभावित करती है|

जैसे कहीं-कहीं जल में तीर्थ स्थान में है कि जल में उष्णता ज्यादा है लोग चावल डालते हैं चावल बनकर निकल जाता है कहीं-कहीं ऐसा जल है जहां जल में गंधक है उसे गंधक का स्नान करने शरीर के रोग दूर होते हैं तो हमारे भारतवर्ष में सनातन परंपरा में जो जल जीवन की मान्यता मनुष्य के साथ दी गई और नदियों का जहां जहां संगम उसे स्थान पर जल के स्थान का विशेष महत्व है और विशेष लाभदाई है और वैज्ञानिक दृष्टि से आप देखेंगे तो विज्ञान की दृष्टि में मानव जीवन को जनजीवन से जोड़ने का बहुत बड़ा साधन है”
दरअसल महाकुंभ मेला की जगह और समय दोनों को पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्रों के साथ ही ग्रहों की स्थिति को ध्यान में रख कर तय की जाती है यह मेला जब ही आयोजित किया जाता है जब ग्रहों की एक विशेष युति होती है। गुरु का 12 साल का परिक्रमा चक्र और पृथ्वी के साथ उसका विशेष रूप से स्थिति होना महाकुंभ का आयोजन का कारण बनता है कुंभ का विज्ञान से संबंध समझे तो कुंभ मेला मानव शरीर पर ग्रहो और मैग्नेटिक क्षेत्र का असर पड़ता है कुंभ में स्नान और ध्यान से शांति और सकारात्मकता की अनुभूति होती है